प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है | What is Programming Language in Hindi

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की पूरी जानकारी | ROGRAMMING LANGUAGE IN HINDI, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार, ग्रामिंग लैंग्वेज के उदाहरण|

इस लेख के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि प्रोग्रामिंग भाषा क्या होती है? What is Programming Language or Computer language , प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की पूरी जानकारी | ROGRAMMING LANGUAGE IN HINDI, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार, ग्रामिंग लैंग्वेज के उदाहरण|

Language क्या होता है

प्रोग्रामिंग भाषा को समझने से पहले हम पहले यह समझते है कि भाषा क्या होता है, भाषा की परिभाषा क्या है| भाषा दो व्यक्तियों के बीच कम्युनिकेशन का एक माध्यम है, जिसका उपयोग कर हम एक दूसरे से बातचीत कर पाते हैं| भाषा का उपयोग करके मनुष्य अपना विचार एक दूसरे से व्यक्त कर सकता है| दुनिया में अनेक प्रकार के भाषाएं उपलब्ध है, जिसका उपयोग कर मनुष्य एक दूसरे से बातचीत करता है|

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है

आइए अब हम समझते हैं कि कंप्यूटर भाषा क्या होता है| जिस प्रकार दो मनुष्यों के बीच आपस में बातचीत करने के लिए एक भाषा की जरूरत होती है| ठीक उसी प्रकार मनुष्य और कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन के लिए एक भाषा की जरूरत होती है|

इसका उपयोग करके हम कंप्यूटर से हम बात करते हैं अर्थात कंप्यूटर को कोई भी काम करने के लिए निर्देश देते हैं तथा कंप्यूटर उन निर्देशों को पालन करके हमें इंफॉर्मेशन प्रोवाइड करता है या फिर उस निर्देशों के अनुसार अन्य कार्य करता है| इसी भाषा को हम कंप्यूटर की भाषा या प्रोग्रामिंग भाषा( Programming Language) कहते हैं|

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का परिभाषा

अतः प्रोग्रामिंग भाषा एक कंप्यूटर की भाषा है, जिसका उपयोग करके मनुष्य कंप्यूटर के साथ कम्युनिकेट करता है| इन प्रोग्रामिंग भाषा को उपयोग करके हम अलग-अलग तरह के Programs तथा Software का निर्माण करते हैं | जिसका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं| इनका उपयोग कर destop application, website, mobile appication तथा अन्य प्रकार के सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है|

Programming Language के उदाहरण

कंप्यूटर की दुनिया में अनेक प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा प्रचलित है | जैसे C, C++, Java, Python, .net, Ruby इत्यादि

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार

कंप्यूटर के भाषा को मुख्यतः तीन वर्गों में बांटा जाता है:

  1. लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
  2. मिडल लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
  3. हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज

लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज(Low level Programming Language)

Low Level प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को मशीन लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है| इसे मशीन लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मशीन डिपेंडेंट प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है| जैसा कि हम जानते हैं कंप्यूटर एक डिजिटल डिवाइस है| जोकि सिर्फ 0 तथा 1 की भाषा को समझता है| लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को रन करने के लिए किसी भी कंपाइलर या फिर इंटरप्रेटर की आवश्यकता नहीं होती है| इसे डायरेक्ट रन किया जाता है | अतः इसका रन करने का स्पीड फास्ट होता है|

Low Language के दो प्रकार होते हैं :

  1. मशीन लैंग्वेज (Machine language)
  2. असेंबली लैंग्वेज(Assembly Language)

मशीन लैंग्वेज (Machine language)

मशीन लैंग्वेज लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है| मशीन लैंग्वेज में सिर्फ 0 और 1 का उपयोग कर प्रोग्राम लिखा जाता है| इसमें हर इंस्ट्रक्शन के लिए बायनरी नंबर का एक कोड होता है जिसका उपयोग कर प्रोग्राम लिखा जाता है| मशीन लैंग्वेज को बिना किसी ट्रांसलेटर के रन किया जाता है क्योंकि कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज को ही समझता है| मशीन लैंग्वेज कंप्यूटर फ्रेंडली होता है| परंतु यह लैंग्वेज प्रोग्रामर की नजरिए से बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि बायनरी नंबर के कोड को समझना तथा याद रखना बहुत ही कठिन कार्य है| इन कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए असेंबली लैंग्वेज का निर्माण किया गया|

असेंबली लैंग्वेज(Assembly Language)

असेंबली लैंग्वेज भीलो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अंतर्गत आता है| असेंबली लैंग्वेज में 0 और 1 के जगह English लैंग्वेज के शब्दों का उपयोग कर कोड बनाया गया | जिसे समझना तथा याद रखना आसान हो गया | असेंबली लैंग्वेज में मनुष्य के समझने लायक अंग्रेजी शब्दों का उपयोग कर कोड बनाया गया | जैसे – ADD, MUL, Sub, MOV इत्यादि| इस लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम को रन करने के लिए assembler का उपयोग किया जाता है, जो असेंबली लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में बदलता है|

मिडल लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Middle Level langauge)

हाई लेवल लैंग्वेज तथा लो लेवल लैंग्वेज के बीच के लैंग्वेज को मिडिल लेवल लैंग्वेज करते हैं | अर्थात यह लैंग्वेज ना तो हाई लेवल लैंग्वेज में आता है और ना ही लो लेवल लैंग्वेज में| इसे Intermediate Programming Language भी करते हैं| मेरे लेवल लैंग्वेज में हाई लेवल लैंग्वेज तथा लो लेवल लैंग्वेज दोनों की विशेषताओं का उपयोग किया जाता है| अर्थात यह लैंग्वेज हाई लेवल लैंग्वेज की विशेषताओं को सपोर्ट करता है अतः यह लैंग्वेज यूजर फ्रेंडली होता है|

Middle-Level langauge यूज़र तथा कंप्यूटर दोनों के करीब होते हैं| C तथा C++ Middle Level langauge के उदाहरण है|

हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज( High Level Language)

High Level Language (HLL) को को प्रोग्रामर की सुविधा के लिए बनाया गया है| हाई लेवल लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखने के लिए कंप्यूटर के हार्डवेयर का ज्ञान होना कोई जरूरी नहीं होता है| कंप्यूटर की आंतरिक संरचना जाने बिना प्रोग्राम लिखा जा सकता है| इसे खासकर यूजर फ्रेंडली सॉफ्टवेयर तथा वेबसाइट बनाने के लिए डिजाइन किया गया है| हालांकि High Level Language में लिखे गए प्रोग्राम को रन करने के लिए कंपाइलर या इंटरप्रेटर की आवश्यकता होती है, जो हाई लेवल लैंग्वेज के प्रोग्राम को मशीन लेवल लैंग्वेज में कन्वर्ट करता है|

उदाहरण: PHP, Python, Java, JavaScript, LISP इत्यादि

हाई लेवल लैंग्वेज को दो भागों में बांटा जाता है:-

  1. Procedural Oriented programming language
  2. Object-Oriented Programming language

Procedural Oriented programming language

प्रोसीजरल ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को structured programming से लिया गया है| यह लैंग्वेज छोटे बड़े procedure पर आधारित होते हैं| इसे function, methods , routine या subroutine भी कहते हैं| Proram के एग्जीक्यूशन के दौरान कोई भी फंक्शन को कभी भी कॉल किया जा सकता है|

Procedural Oriented programming language में प्रोसीजर या फंक्शन को ज्यादा महत्व दिया जाता है| इसमें Data को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है|

उदाहरण : COBOL, BASIC, Pascal, FORTRAN, ALGOL and C.

Object-Oriented Programming language

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज object की अवधारणा पर आधारित प्रोग्रामिंग मॉडल है| ऑब्जेक्ट के अंदर डाटा और कोड दोनों होता है| डाटा attribute के रूप में तथा कोड method के रूप में होता है| जिस तरह से वास्तविक दुनिया का ऑब्जेक्ट होता है, ठीक उसी प्रकार की अवधारणा कंप्यूटर प्रोग्राम के ऑब्जेक्ट का भी होता है| ऑब्जेक्ट वास्तविक दुनिया से इंटरेक्ट करता है|

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में Data को Code से ज्यादा महत्व दिया जाता है |

उदाहरण: Java, C++, Python, PHP, Javascript, Ruby इत्यादि|

इस प्रकार इस लेख में हमने प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की पूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है| प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है ? कितने प्रकार की होते हैं ? प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के उदाहरण | अगर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से संबंधित कोई अन्य सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें|

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