भाई दूज क्या है |Bhai Dooj Kya hai in hindi

हिंदू धर्म में कार्तिक महीने का एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि कार्तिक महीने में कोई पर्व त्योहार मनाए जाते हैं | खासकर दिवाली के समय एक साथ कई सारे त्योहारों को मनाया जाता है | उनमें से एक है, भाई दूज या भैया दूज | जिसे दिवाली के दूसरे दिन बाद अर्थात कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को मनाई जाता है| भाई दूज क्या है |Bhai Dooj Kya hai in hindi इसका महत्व क्या है ? इसे क्यों मनाया जाता है ?आइए इन प्रश्नों का उत्तर का उत्तर हम इस ब्लॉग पोस्ट में जानने जानते है|

भाई दूज क्या है |Bhai Dooj Kya hai in hindi

दिवाली के दो दिनों बाद भाई दूज भैया दूज भाई दूज मनाया जाता है अर्थात भाई-बहन के स्नेह को अभिव्यक्ति करने वाला पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है यह उत्तरी भारत खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में बहनों के द्वारा भाई के आयु वृद्धि तथा खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय पर्व है नेपाल में भी मनाया जाता है इस पर्व को यम द्वितीया, भ्रातृ दूज, भैया दूज भी कहा जाता है |

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भाई दूज का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

भाई दूज पर्व का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के बीच सद्भावना तथा एक दूसरे दूसरे के प्रति निश्चल प्रेम को प्रोत्साहित करना है

इस पर्व का का महत्व क्या है ?

अब हम बात करते हैं कि भाई दूज का महत्व क्या है? आखिर क्यों बहने इस दिन अपने भाई के लिए व्रत रखती है ? इस दिन बहनों के द्वारा भाई को तिलक लगाकर प्रेम पूर्वक भोजन कराने से भाई को आयु बढ़ता है | अर्थात भाइयों का अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है | भाई बहन ने परस्पर प्रेम बढ़ता है | बहने व्रत रखकर भाई के लिए लंबी उम्र तथा सुखी जीवन की कामना करती है |

कहा जाता है कि मृत्यु के देवता यमराज तथा यमुना भाई-बहन थे | इसी दिन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद यमराज अपनी बहन के घर आए | जमुना ने प्रेम पूर्वक यमराज को भोजन कराया तथा तिलक लगाकर उनके सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना की | यमराज खुश होकर वर मांगने को कहा | यमुना ने वर मांगा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आएंगे | जो बहने इस दिन अपने भाई को तिलक लगाकर प्रेम पूर्वक भोजन कराएंगे | उस भाई को आप का भय नहीं होगा |

यमराज ने अपनी बहन को वर प्रदान किया | इसी दिन से भाई दूज पर्व का प्रारंभ हुआ | इसे इसी कारण से इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है |

भाई दूज क्यों मनाया जाता है ?

भाई दूज क्यों मनाया जाता है ? इस पर इस के संदर्भ में अगर हम बात करें, तो सबसे पहले हमें इसके पीछे प्रचलित एक पौराणिक कथा का वर्णन करना होगा |

इससे जुड़े पौराणिक कथा क्या है?

कहा जाता है कि सूर्य देव की पत्नी संज्ञा से दो संतान यम(यमराज) और यमी( यमुना) थे | संज्ञा सूर्य देव की ताप सहन नहीं कर पाने के कारण अपनी छाया मूर्ति का निर्माण कर, उन्हें ही अपनी संतान यमराज और जमुना सुपुर्द कर वहां से चली गई | यमराज तथा जमुना से छाया को कोई लगाव नहीं था | परंतु भाई बहन को आपस में बड़ा ही स्नेह और प्यार था | खासकर जमुना अपने भाई से अत्याधिक स्नेह रखते थी | यमुना प्राय: अपने भाई के घर जाती थी और सुख-दु:ख साझा करते थी | अपने भाई यमराज को भी अपने घर आने के लिए करती थी | परंतु अत्यधिक व्यस्तता के कारण यमराज यमुना के घर नहीं आ पाते थे|

एक बार अचानक यमराज अपनी बहन यमुना के घर आ पहुंचे | उस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि थी | जमुना बहुत ही प्रसन्न हुई | बहुत ही आदर सत्कार के साथ उन्हें भोजन कराया तथा तिलक लगाया | यमराज प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा | जमुना ने कहा कि भैया आप प्रतिवर्ष इसी दिन मेरे घर आएंगे| और इस दिन जो बहने अपने भाई को तिलक लगाकर प्रेम पूर्वक भोजन खिलाएंगे, उसे आप का भय नहीं होगा | यमराज ने उसे यह वर प्रदान किया | साथ ही साथ यही भी वरदान दिया कि, जो भाई बहन इस दिन जमुना में डुबकी लगाएंगे, वे यमराज के प्रकोप से बचे रहेंगे | तभी से यह भाई-बहन का पवित्र पर्व मनाया जाता है |

भैया दूज और रक्षा बंधन में क्या अंतर है?

भैया दूज और रक्षाबंधन दोनों ही पर्व भाई-बहन के बीच मनाया जाता है | दोनों ही पर भाई-बहन के बीच निश्चल प्रेम और सद्भावना को प्रेरित करता है |दोनों ही त्योहारों में बहने अपने भाई की मंगल कामना तथा दीर्घायु होने के लिए प्रार्थना करती है | साथ साथ भाई बहनों की रक्षा करने का वचन लेता है | अब हम बात करते हैं कि, भाई दूज पर रक्षा बंधन में क्या अंतर है ?

  1. भाई दूज में बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसे दीर्घायु होने की कामना करती हैं | जबकि रक्षाबंधन में बहने अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसे रक्षा करने का वचन देता है |
  2. भाई दूज में भाई अपने विवाहित बहनों के घर तिलक लगवाते हैं | जबकि रक्षाबंधन में बहने अपने भाई के घर जाकर रक्षा सूत्र बांधती हैं |

वर्ष 2021 में भाई दूज पूजा का मुहूर्त क्या है?

वर्ष 2021 में भैया दूज 6 नवंबर, दिन शनिवार को मनाया जाएगा |

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि 5 नवंबर 2021 को 11:14 PM से 6 नवंबर 2021 को 7:44 PM तक है | भाई दूज के लिए शुभ मुहूर्त 6 नवंबर 2021 को 01:10 PM से 3:21 PM तक है|

भाई दूज से भगवान श्री कृष्ण का क्या संबंध है?

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध कर द्वारिका लौटे थे| इस दिन भगवान श्री कृष्ण की बहन सुमन सुभद्रा ने फल फूल मिठाई और अनेकों दीए जलाकर उनका स्वागत किया था | सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु होने की कामना की थी |

इस पर्व को कैसे मनाएं ?

भाई दूज के लिए थाली तैयार करना एक महत्वपूर्ण काम है| सभी बहनों को अपने भाई को तिलक लगाने से पहले थाली को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए | थाली में चावल के कुछ दाने, पान का पत्ता, सूखा नारियल, कलावा, रोली मिठाइयां, फूल माला, दूब घास, केला, सुपारी, चांदी का सिक्का, दही, फूल, इत्यादि रखना चाहिए | साथ ही साथ आरती के लिए घी के दिए रखना चाहिए | कपूर जलाकर भी आरती किया जा सकता है |

भाई दूज के दिन जो बहने अपने भाइयों को तिलक करती है| उसे तिलक लगाने से पहले भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए | तिलक लगाने के बाद प्रेम पूर्वक भाई के साथ भोजन ग्रहण करना चाहिए

बिहार में भाई दूज का पर्व

बिहार में भाई दूज के दिन एक अलग ही परंपराएं निभाई जाती है | इस दिन बहने भाई के लिए व्रत रखती है | आसपास के सभी बहने एक जगह इकट्ठा होकर, गाय के गोबर से कुछ आकृतियां बनाकर पूजा करते है | पूजा करने के बाद भाई को तिलक लगाती है | आरती करती है | फिर उन्हें बजरी(मटर के दाने) खिलाती है | बजरी खिलाने का मुख्य उद्देश्य होता है कि भाई उस बजरी के तरह ही सख्त और मजबूत रहे, दीर्घायु रहें |

इससे पहले पर भाई को भला-बुरा कहती है | फिर उनसे माफी मांगती है | दरअसल यह भाई के द्वारा पहले की गई गलतियों के कारण यह परंपरा निभाई जाती है | फिर उन्हें प्रेम पूर्वक मिठाई और अन्य पकवान खिलाती है |

उत्तर प्रदेश में भाई दूज का पर्व

उत्तर प्रदेश में बहने भाई दूज के अवसर पर अपने भाई को तिलक तिलक लगाकर सूखा नारियल का देती है फिर आदर सहित मिष्ठान तथा अन्य पकवान खिलाती है|

इस दिन दिन क्या ना करें ?

  • भाई दूज के दिन बहन के बनाए भोजन का निरादर नहीं करना चाहिए
  • भाई बहन को एक दिन आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए
  • बहन को भाई के लिए उपहार को प्रेम पूर्वक लेना चाहिए
  • उपहार का निरादर नहीं करना चाहिए

आशा करते हैं इस आर्टिकल से आपको भाई दूज क्या है |Bhai Dooj Kya hai in hindi जानकारी मिली होगी|

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