ब्लैक बॉक्स क्या होता है /What is Black Box in Hindi

ब्लैक बॉक्स क्या होता है| कैसे काम करता है, ब्लैक बॉक्स का रंग, ब्लैक बॉक्स में डाटा कैसे सुरक्षित रहता है| What is Black Box in Hindi

ब्लैक बॉक्स क्या होता है| एक तरह का फ्लाइट रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है| जो फ्लाइट में हो रही गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है| अक्सर देखा गया है कि जब कोई विमान हादसे का शिकार हो जाता है तो उसमें शायद ही कोई यात्री जीवित बचते हैं| बहुत ज्यादा ऊंचाई से गिरने के कारण इसकी भी संभावना कम रहती है कि विमान का कोई हिस्सा साबुत बचे| तो आइए इस लेख के माध्यम से हम समझते हैं कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है ? यह कैसे काम करता है ?

विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर, उसके कारण को जानने के लिए ब्लैक बॉक्स का उपयोग किया जाता है| ब्लैक बॉक्स ही एक ऐसा हिस्सा है| जो किसी भी तरह की दुर्घटना के बाद सुरक्षित रहता है| जिससे दुर्घटना के कारण को पता लगाया जा सकता है|

ब्लैक बॉक्स क्या होता है

ब्लैक बॉक्स एक फ्लाइट डाटा रिकॉर्डिंग डिवाइस है| जो उड़ान के दौरान फ्लाइट पर हो रहे गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है| इसका वजन लगभग 4.5 किलोग्राम का होता है| विमान का पिछला हिस्सा ज्यादा सुरक्षित के कारण से इसे इसके पिछले हिस्से में इंस्टॉल्ड किया जाता है|

इसमें दो डिवाइसेज होते हैं|

  1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर(CVR)
  2. डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर(DFDR)

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर(CVR)

यह कॉकपिट में होने वाली गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है| यह पायलट तथा उनके सहयोगियों के बीच होने वाले बातचीत तथा अन्य गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है| इसके अलावा यह पायलट तथा एयर ट्रेफिक कंट्रोल(ATS) के बीच होने वाले बातचीत को भी रिकॉर्ड करता है|

एयर ट्रेफिक कंट्रोल, वह ग्राउंड स्टाफ होते हैं, जो फ्लाइट को उड़ाने में पायलट की सहायता करते हैं तथा पायलट से रेडियो के माध्यम से हमेशा संपर्क में रहते हैं|

दरअसल कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर एक माइक्रोफोन से जुड़ा होता है जो कॉकपिट में इंस्टॉल्ड होता है| यह पायलट के हेडफोन के माइक्रोफोन तथा इयरफोन के ऑडियो सिग्नल को रिकॉर्ड तथा स्टोर करता है| इसमें लगभग दो घंटे का रिकॉर्डिंग स्टोर रहता है|

फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर

Flight Data Recorder विमान की विभिन्न मापदंडों का जैसे दिशा, ऊंचाई, इंधन की स्थिति, विमान की गति, केबिन का तापमान, वायु की दबाव, से संबंधित सूचनाओं को को रिकॉर्ड करता है| यह इस प्रकार के लगभग 88 तरह की सूचनाओं का विवरण की 25 घंटे से अधिक तक की रिकॉर्डिंग रखता है|

इस बॉक्स में लगभग 11000 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान को 1 घंटे तक तथा 260 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान को 10 घंटे तक सहने की क्षमता होती है|

ब्लैक बॉक्स का इतिहास क्या है

इसका इतिहास 60 वर्षों से भी ज्यादा पुराना है|50 के दशक में विमान हादसों की संख्या बढ़ने के कारण, वर्ष 1953-54 के करीब वैज्ञानिकों ने विमान में एक ऐसा उपकरण लगाने के दिशा में काम किया| जिससे विमान हादसों के कारणों के बारे में पता चल सके| इन कारणों को पता कर भविष्य में होने वाले हादसों को टाला जा सके|

इसी क्रम में इस ब्लैक बॉक्स का निर्माण किया गया| प्रारंभ में इस ब्लैक बॉक्स के बाहरी सतह का रंग लाल होने के कारण इसे “रेड एग” भी कहा जाता था| इसके भीतरी दीवार का रंग ब्लैक होने के कारण इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ा|

ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है

इसका स्ट्रक्चर इतनी मजबूत बनाई जाती है| ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना के कारण इसमें कोई नुकसान ना पहुंच पाए| इसमें 11000 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान को 1 घंटे तक तथा 260 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान 10 घंटे तक सहन करने की क्षमता होती है| यह डिवाइस 30 दिनों तक बिना किसी इलेक्ट्रिसिटी के भी काम करती है|

विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जब ब्लैक बॉक्स किसी स्थान पर गिरता है| तब इससे आवाज निकलना प्रारंभ हो जाता है| इस आवाज का दायरा 2 से 3 किलोमीटर तक होता है| यह 30 दिनों तक कार्यरत रहता है| समुद्र के 14000 Feet के गहराई से भी तरंग भेजने में सक्षम होता है| इससे खोजी दल इसे आसानी से ढूंढ लेते हैं|

ब्लैक बॉक्स सुरक्षित कैसे रहता है

यह बॉक्स बहुत ही मजबूत धातु टाइटेनियम का बना होता है| ब्लैक बॉक्स में 4 लेयर होती है- 1. एल्यूमीनियम 2. रेत, 3. Stainless-steel तथा 4. टाइटेनियम| टाइटेनियम का लेयर सबसे ऊपर होता है| जिससे काफी सुरक्षित हो जाता है| यह डिवाइस शॉक प्रूफ होने के कारण, इसमें रिकॉर्डेड डिजिटल डाटा दुर्घटना होने के बावजूद भी सुरक्षित रहता है|

ब्लैक बॉक्स का रंग कैसा होता है

इस यंत्र का नाम ब्लैक बॉक्स जरूर है परंतु इसका कलर ब्लैक नहीं होता है| प्रारंभ में ब्लैक बॉक्स के बाहरी सतह का रंग लाल होता था तथा इसकी भीतरी सतह का रंग काला होता था| परंतु वर्तमान में ब्लैक बॉक्स का रंग नारंगी रंग का होता है| इसका रंग नारंगी रखने का मुख्य कारण यह है कि इसे ढूंढने में आसानी हो तथा या दूर से नजर आ जाए|

डाटा कैसे निकालते हैं

दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद टेक्निकल एक्सपर्ट सबसे पहले सुरक्षा मटेरियल को हटाते हैं| फिर इसकी कनेक्शन को सावधानी पूर्वक क्लीन करते हैं, ताकि इसमें रिकॉर्डिंग कोई भी डाटा गलती से डिलीट ना हो जाए|

इस लेख के माध्यम से ब्लैक बॉक्स क्या होता है? यह कैसे काम करता है सब की जानकारी आपको मिल गई होगी|

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