भारत के 11 अनोखे गांव | 11 Unique Village of India in Hindi

भारत के 11 अनोखे गांव , भारत की अद्भुत गांव | Most Unique Villages of India in Hindi Bharat ke Anokhe gaon.

यह देश विविधताओं का देश है| यहां पर विभिन्न संप्रदाय, संस्कृति, जाति, विभिन्न वेशभूषा, विभिन्न खानपान के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं| हर शहर का अपनी एक संस्कृति है, एक अलग विरासत है| भारत के विभिन्न क्षेत्र के गांव भी एक दूसरे से भिन्न है| उनका रहन-सहन अलग है| भाषा अलग है| खान-पान अलग है| यहां कुछ ऐसे भी गांव हैं जो अलग ही नहीं बल्कि अपने आप में बिल्कुल अनोखे हैं| आज हम उन्हीं भारत के 11 अनोखे गांव के बारे में इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे|

भारत के 11 अनोखे गांव

इंडिया एक गांवो का देश है| भारत के 70% आबादी गांवों में रहती है| भारत की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है| जो कि भारत के ग्रामीणों के मुख्य व्यवसाय तथा जीविका के साधन की है |महात्मा गांधी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है| तो आज हम चलते हैं गांव की ओर और देखते हैं, भारत के 11 अनोखे गांव जो अपने आप में औरों से अलग है |

1. मातुर(Mattur ) गांव ,कर्नाटका

मातुर गांव कर्नाटका राज्य की शिमोगा जिले में एक ऐसा गांव है| जहां पर हर व्यक्ति संस्कृत में बात करते हैं| गांव के सारे लोग बच्चे, बूढ़े, जवान, स्त्री, पुरुष संस्कृत में धाराप्रवाह बात करते हैं| यहां पर बच्चे प्रथम कक्षा से ही संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करते हैं| संस्कृत उनके लिए अनिवार्य विषय होता है| उनके लिए संस्कृत पढ़ना और बोलना एक गर्व का विषय है|

2. शेतफल (Shetpal) गांव, महाराष्ट्र

पुणे से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर सोलापुर जिले में शेतफल गांव स्थित है| इसे सांपों का गांव कहा जाता है| जहां एक आम आदमी को कोबरा का नाम सुनकर ही पसीने छूटने लगते हैं, वही इस गांव के हर घर में कोबरा का निवास होता है| ग्रामीण इसकी रोज पूजा करते हैं| मनुष्य और सांप एक साथ रहते हैं तथा कभी एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाते| एक दूसरे से डरते भी नहीं हैं|

3. पुंसरी (Punsari) गांव गुजरात

गुजरात जिला के साबरकांठा जिले में स्थित पुंसरी गांव, एक स्मार्ट गांव के रूप में जाना जाता है| यह गांव गांधीनगर से 20 किलोमीटर दूर पार्वती हिल पर स्थित है| हालांकि यह गांव भी 2006 से पहले भारत के अन्य गांवों की तरह ही एक साधारण गांव था| परंतु पूर्व युवा सरपंच हिमांशु पटेल के प्रयासों के कारण इस गांव की कायाकल्प हो गई|

इस गांव में 66KV का पावर स्टेशन, पूरे गांव के लिए वाईफाई कनेक्टिविटी, प्राइमरी स्कूल में एयर कंडीशन तथा सीसीटीवी कैमरा, गांव की सड़कों पर 25 सीसीटीवी कैमरा, गांव के अंदर ट्रांसपोर्ट के लिए मिनी बस की व्यवस्था है| पूरे गांव में कोई भी सूचना अनाउंस करने, कोई स्कीम का जानकारी देने तथा भजन व श्लोक सुनाने के लिए के लिए 120 वाटर प्रूफ स्पीकर लगाए गए हैं|

ग्रामीणों को ₹4 में 20 लीटर पीने के लिए स्वच्छ मिनरल वाटर मिलती है| गांव में एक चलता फिरता पुस्तकालय भी है|

4. सनी सिगनापुर, महाराष्ट्र

हम कहीं बाहर जाए और घर में ताला ना लगाएं क्या ऐसा हो सकता है क्या? हां बिल्कुल ऐसा हो सकता है| परंतु आपका घर सनी सिगनापुर में होना चाहिए| जी हां, आपने सही सुना, सनी सिगनापुर एक ऐसा गांव है जहां के लोग अपने घरों में ताले नहीं लगाते| यहां तक की कहीं बाहर जाने पर खिड़की दरवाजे भी नहीं लगाते| कई घर तो बिना दरवाजे के ही होते हैं| जिनके दरवाजे होते भी हैं, उसे बंद नहीं किया जाता है| बैंकों के ताले में नहीं लगाए जाते हैं|

सनी सिगनापुर मुंबई से 300 किलोमीटर की दूरी पर महाराष्ट्र के अहमदपुर जिले में स्थित है| यहां पर भगवान शनिदेव का सुप्रसिद्ध मंदिर है| वहां के पुलिस के अनुसार आज तक कोई भी चोरी या डकैती की घटना नहीं हुई है| | वहां के लोगों को मानना है कि इस गांव के रक्षा स्वयं भगवान शनिदेव करते हैं|

5. कोडिन्ही (Kodinhi)), केरल

कोडिन्ही केरल के मल्लपुरम जिले का एक सुदूर गांव है| या गांव भारत के सबसे ज्यादा जुड़वा बच्चे के लिए प्रसिद्ध है| इस गांव में 2000 परिवारों में लगभग 400 जुड़वा बच्चे हैं| पूरे देश में 1000 जन्म पर 9 जुड़वा बच्चे होते हैं| परंतु इस गांव में 1000 जन्म पर 45 जुड़वा बच्चों का जन्म होता है| यह शोधकर्ताओं के लिए भी एक रहस्य का विषय है|

6. जंबूर (Jambur), गुजरात

जंबूर गिर जंगल के पास राजस्थान का एक गांव है | इस गांव में गुजराती बोलने वाले अफ्रीकी लोग रहते हैं| यह लोग शक्ल सूरत, डील-डौल से अफ्रीकन है| परंतु बोलचाल, खान खान, से गुजराती है| हालांकि जब नाच गाने और मनोरंजन की बात हो तो यह अफ्रीकन डांस ही करते हैं| गांव में रहने वाले लोग अफ्रीकी मूल के हैं जिन्हें जूनागढ़ के नवाब ने बसाया था|

7. मावलिनॉन्ग(Mawlynnong), मेघालय

मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित मावलिनॉन्ग गांव एशिया का सबसे स्वच्छ गांव (Asia’s cleanest village) है| यह मेघालय की राजधानी शिलांग से लगभग 90 किलोमीटर दूर है| इस गांव में प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है| रोड पर कचना फेंकना, थूकना, गंदगी फैलाना बिल्कुल मना है| 500 आबादी वाले इस गांव के लोग, अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिदिन सफाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं| इस गांव को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं|

8. कुलधरा (Kulsdhara), राजस्थान

राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित कुलधारा एक रहस्यमई गांव है| जिसे भूतों का गांव कहा जाता है| यह एक ऐसा गांव है, जहां कोई ग्रामीण नहीं रहते हैं| इस गांव का निर्माण पालीवाल ब्राह्मणों के द्वारा तेरहवीं शताब्दी में किया गया था| परंतु 19वीं शताब्दी के आते-आते पानी की की समस्या के कारण इस गांव से सारे लोगों का पलायन हो गया| दूसरा कारण भी कहा जाता है की, जैसलमेर राज्य के मंत्री सलीम सिंह के अत्याचार के कारण गांव वाले इस गांव को छोड़ कर चले गए|

इस गांव में किसी के ना रहने के कारण लोग इसे भूतिया गांव कहते हैं| लोगों के अनुसार यहां पर भूत रहते हैं| परंतु राजस्थान सरकार ने 2010 में इसे एक पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया| अब यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक इस गांव को देखने के लिए आते हैं|

9. रंगडोई (Rangdoi), असम

वर्षा के लिए भगवान इंद्र का पूजा तो आपने सुना होगा| परंतु असम के रंगडोई गांव में बारिश के लिए मेंढक तथा मेंढकी की शादी करवाई की जाती है| ऐसा कहा जाता है कि “भीकुली बिया” अर्थात मेंढक तथा मेंढकी के विवाह से बारिश का प्रारंभ होता है| यह विवाह पूरी रस्मो और रिवाजों के साथ मनाया जाता है| मेंढक तथा मेंढकी को दुल्हन की तरह सजा कर मंत्रोचार के साथ, लोकगीतों को गाते हुए विवाह संपन्न कराया जाता है| प्रीति भोज का भी आयोजन किया जाता है| विवाह के उपरांत उन्हें पानी में छोड़ दिया जाता है| माना जाता है कि जब तक मेंढक इंद्रदेव से बारिश के लिए आग्रह नहीं करते हैं, तब तक बारिश नहीं होती|

10. बरवान कला (Barwan Kala), बिहार

बिहार के कैमूर जिले में स्थित बरवान कला को कुंवारों का गांव कहा जाता है| कहा जाता है की पिछले 50 सालों में इस गांव में कोई भी विवाह नहीं हुआ है| इस गांव में कोई भी अपनी बेटी का विवाह नहीं करना चाहता है| यहां की गरीबी इसकी मुख्य कारण है | ना तो यहां बिजली है,ना मोबाइल का नेटवर्क है, ना पीने की पानी है, ना सड़के हैं, ना ही कोई यातायात के साधन| इन सारी अभाव तथा गरीबी को देखते हुए कोई भी व्यक्ति अपने बेटी का रिश्ता ज्यादा नहीं करता है|

11. हिवरे बाजार (Hiware Bazar), महाराष्ट्र

कुछ समय पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित हिवरे बाजार एक अति पिछड़ा गांव था| जिसके कारण वहां के ज्यादातर लोग गांव छोड़कर पलायन कर गए थे| आज केवल 305 परिवारों के गांव में लगभग 80 लोग करोड़पति हैं| इस गांव में10 लाख से ज्यादा वार्षिक आय परिवारों की संख्या 50 है| गांव की स्वच्छता इतनी है की एक मच्छर ढूंढने पर वहां के सरपंच ₹400 का इनाम देते हैं|

इस लेख के माध्यम से आपने भारत के 11 अनोखे गांव के बारे में जाना| आशा है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा|

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